नीतीश ही रहेंगे CM , लेकिन तेजस्वी को मिलेगी डिप्टी CM का पद , बिहार में नई सरकार का खाका तैयार , आज किसी भी वक्त CM नीतीश कर सकते है केबिनेट भंग 

बिहार पटना: बिहार में सियासी उथलपुथल के बीच नई सरकार को लेकर खाका भी तैयार हो चुका है। इस बार बातचीत दोनों पार्टी के शीर्ष नेता ही कर रहे हैं। इस बैठक या बातचीत में दूसरे नेताओं की मौजूदगी नहीं रही है।

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सूत्रों के मुताबिक, तेजस्वी, नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाने के लिए तैयार हो गए हैं। वहीं, RJD नेता तेजस्वी खुद उपमुख्यमंत्री के अलावा गृह विभाग भी अपने पास ही रखेंगे। यही नहीं RJD का ही सदन में स्पीकर भी होगा ये भी पक्का हो चुका है।

बिहार के नियोजित शिक्षकों व युवाओं से जो वादा RJD के मुखिया तेजस्वी यादव ने किया था वो वादा पूरा करने का समय अब आ गया है ।तेजस्वी यादव ने नियोजित शिक्षकों से वादा किया था कि यदि बिहार में RJD की सरकार बनती हैं तो राज्य के सभी नियोजित शिक्षकों को पूर्ण वेतनमान सहित सभी प्रकार की सुविधाएं दी जाएगी साथ बेरोजगार युवाओं को 10 लाख नॉकरी देने का भी वादा किया था जिसमें 5 लाख नॉकरी सरकारी देने का भी वादा किया था । अब तेजस्वी यादव अपनी सरकार बना रहे हैं उन्हें अपना वादा पूरा करना चाहिए ।

RJD ने कहा कि बिहार में हमारी सरकार बनते ही हमलोग सबसे पहले पुरानी पेंशन प्रणाली को फिर से लागू करेंगे , इसका फायदा सभी सरकारी कर्मचारियों को होगा ।

नई सरकार की रूप रेखा लगभग निर्धारित हो चुकी है। RJD में इस बार सीधा तेजस्वी यादव कमान संभाले हुए हैं और वक़्त-वक़्त पर लालू प्रसाद से भी संपर्क किया जा रहा है। RJD के अन्य बड़े नेता परोक्ष रूप से नजर रखे हुए हैं, मगर उन्हें भी बिहार में चल रही सियासी गतिविधियों से अलग रखा जा रहा है। राजद सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, तेजस्वी यादव नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाने को लेकर मान गए हैं। लेकिन, राजद नेता तेजस्वी डिप्टी सीएम बनेंगे, यहाँ तक कि नीतीश कुमार को गृह विभाग भी तेजस्वी को सौंपना होगा।

दरअसल, गृह विभाग नीतीश कुमार शुरू से अपने पास रखते रहे हैं, किन्तु इस दफा सरकार बनने की शर्तों में ये शामिल है कि गृह विभाग राजद नेता तेजस्वी यादव ही संभालेंगे। यही नहीं नई सरकार के गठन के बाद स्पीकर पद राजद के हिस्से में जाएगा। स्पष्ट है कि, राजद मुख्यमंत्री पद देने के बदले में दो बड़ा पद अपने पाले में रख रही है, ताकी नई सरकार में उसकी हिस्सेदारी महत्वपूर्ण रहे। नीतीश मुद्दों पर ही नहीं कई मौकों पर भी भाजपा से दूरी बनाने लगे थे। लगभग एक महीने पहले जातिय जनगणना के मुद्दे पर तेजस्वी से मुलाकात नीतीश कुमार की अकेले में पचास मिनट से अधिक हुई। इस मुलाकात के बाद से ही तेजस्वी यादव के सुर नीतीश कुमार को लेकर बदले बदले से दिखाई देने लगे थे।

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