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 NCTE ने की भुत बड़ी घोषणा ,  राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षण संस्थान NIOS से 18 माह का डिप्लोमा इन एलिमेन्ट्री एजुकेशन (DELEd) कोर्स अब देश भर में मान्य होगा NCTE ने 18 माह के डी एल एड DELED कोर्स को  मंजूरी दे दी , अब एनआईओएस से  लगभग 13 से 14 लाख प्रशिक्षित शिक्षकोंके शिक्षक बन्ने का रास्ता साफ हो गया 

नई दिल्ली :–NIOS DELEd: राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षण संस्थान (NIOS) से 18 माह का डिप्लोमा इन एलिमेन्ट्री एजुकेशन (DELEd) कोर्स अब देश भर में मान्य होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने एनआईओएस से 18 माह के डीएलएड कोर्स को देश भर में मान्यता दे दी है। इस कोर्स को पूरा करने वाले सभी उम्मीदवार अब किसी भी राज्य में शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन कर सकेंगे।

राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCET) ने राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षण संस्थान (NIOS) से 18 माह के डिप्लोमा इन एलिमेन्ट्री एजुकेशन (D.El.Ed.) कोर्स को देशभर में मान्य करार दिया है. राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCET) इस फैसले के बाद डीएलएड की डिग्री प्राप्त किए हुए अभ्यर्थी किसी भी राज्य में शिक्षक बन सकेंगे.

क्या है डीएलएड?
प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए बीएड/बीटीसी की तरह डीएलएड का कोर्स राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षण संस्थान की तरफ से कराया जाता है. इसमें 18 महीने तक शिक्षक की ट्रेनिंग दी जाती है. हालांकि इस कोर्स को करने के बाद अभ्यर्थियों को राज्य स्तरीय टीईटी की परीक्षा पास करनी होती है. वहीं, केंद्रीय विद्यालय में टीचर बनने के लिए सीटेट की परीक्षा पास करनी होती

इस संबंध में एनसीटीई के उप सचिव टी प्रीतम सिंह ने सभी राज्य के मुख्य सचिवों को पत्र जारी किया है। बता दें कि उत्तराखंड के एनआईओएस डीएलएड टीईटी एसोसिएशन ने बिहार की तरह ही अपने राज्य की नई नियुक्तियों में आवेदन का मौका दिए जाने की एनसीटीई से गुहार लगाई थी।

बता दें कि कुछ माह पहले पटना हाईकोर्ट ने एनसीटीई के उस आदेश को खारिज कर दिया था, जिसमें प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति में 18 माह के डीएलएड कोर्स को अमान्य करार दिया गया था। पटना हाईकोर्ट के इस निर्णय से एनआईओएस से डीएलएड कोर्स करने वाले बिहार के उम्मीदवारों को बड़ी राहत मिली थी। पटना उच्च न्यायलय ने डीएलएड डिग्रीधारियों को शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति दी थी।

18 माह के डीएलएड कोर्स को लेकर विवाद तब शुरू हुआ था, जब बिहार सरकार की ओर से निकाली गई शिक्षकों की भर्ती में एनआईओएस से इस कोर्स को करने वाले निजी स्कूलों के शिक्षकों ने भी अप्लाई किया। इस पर राज्य सरकार ने एनसीटीई से पूछा था कि क्या एनआईओएस से 18 माह का डीएलएड करने वाले भी शिक्षक भर्ती के लिए योग्य हैं? वहीं, एनसीटीई ने 18 महीने के इस डीएलएड कोर्स को इसके लिए अमान्य करार कर दिया था। इसके बाद निजी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक पटना हाईकोर्ट पहुंच गए थे। वहीं, पटना हाई कोर्ट ने एनसीटीई के पात्रता नियमों को अनुचित ठहराते हुए उस आदेश को खारिज कर दिया था, जिसमें प्राइमरी टीचरों की नियुक्ति में 18 महीने के डीएलएड कोर्स को अमान्य घोषित किया गया था।

गौरतलब है कि 18 महीने के डीएलएड कोर्स को उन लाखों शिक्षकों के लिए शुरू किया गया था, जो अप्रशिक्षित थे। रिपोर्ट के अनुसार, एनआईओएस ने लगभग 13 से 14 लाख शिक्षकों को यह कोर्स कराया था।

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