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Lockdown may Be Imposed in 14 days डॉक्टरों का दावा , रोजाना हो सकती हैं देश में 15000 कोरोना संक्रमितों की मौत , कोरोना ले सकती है अति विकराल रूप , 14 दिनों का कभी भी लग सकता lockdown
Lockdown may Be Imposed in 14 days डॉक्टरों का दावा , रोजाना हो सकती हैं देश में 15000 कोरोना संक्रमितों की मौत , कोरोना ले सकती है अति विकराल रूप , 14 दिनों का कभी भी लग सकता lockdown
दिन प्रतिदिन कोरोना के मामले हो रही बढ़ोतरी से सरकार हुई परेसान , 14 दिनों के लिए लग सकता है lockdown, कभी भी लग सकती है लोकडौन
Lockdown may Be Imposed in 14 days? कोरोना संक्रमण का दौर एक बार फिर भारत में लौट रहा है। देश के अलग-अलग राज्यों से रोजाना हजारों नए मरीजों की पुष्टि हो रही है।
आंकड़ों पर नजर डालें तो सबसे ज्यादा खस्ता हालत दिल्ली और महाराष्ट्र की है, जहां रोजाना नए संक्रमितों के आंकड़ों का नया रिकॉर्ड बन रहा है। इस बीच लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुरेश कुमार ने कोरोना महामारी को लेकर आशंका जताई है कि अगले दो हफ्ते में कोरोना चरम पर होगा।
Lockdown may Be Imposed in 14 days? डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि अभी तो कोविड के मामले बढ़ रहे हैं। संक्रमण बच्चों को भी चपेट में ले रहा है। हालांकि, मरीज के ठीक होने की दर अच्छी है। दिल्ली में कोविड का पीक आना बाकी है। डॉ. सुरेश ने कहा कि कोविड से बचाव के लिए लोग दिशा-निर्देशों का पालन करें। कोविड उपयुक्त व्यवहार को अपनाएं। चेहरे पर मास्क लगाकर रखें। हाथों को समय-समय पर धोते रहें। कोविड-19 के एक्सबीबी1.16 वैरिएंट की वजह से मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।
दिल्ली के स्कूलों में 6 से 12 वर्ष के बच्चों के माता-पिता के बीच कोविड-19 वैक्सीन स्वीकृति एक मिश्रित पद्धति का अध्ययन के संबंध में शिक्षा निदेशालय ने अनुमति दी है। इस संबंध में निदेशालय की ओर से सर्कुलर जारी किया है। दिल्ली के दक्षिण और पूर्वी जिला के सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों में यह अध्ययन किया जाएगा। राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान सांख्यिकी संस्थान द्वारा यह अध्ययन किया जाएगा। अध्ययन की मंजूरी को लेकर संस्थान ने निदेशालय के निदेशक को पत्र लिखा था, जिसमें परिजनों से अध्ययन को लेकर मंजूरी मांगी थी।
डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि बताया कि अस्पताल में कोविड के 20 मरीज भर्ती हैं। इनकी उम्र 35-64 वर्ष के बीच है। इसमें तीन मरीज वेंटिलेटर पर हैं। बाकी सब ऑक्सीजन पर हैं। चार बच्चे भी अस्पताल में भर्ती हैं। 18 दिन का नवजात भी शामिल है, जिसकी हालत स्थिर है। नवजात को मां से कोविड हुआ था। दिल्ली में कोरोना के मामले में तेजी से बढ़ोतरी जारी है। दिल्ली में गुरुवार को कोविड के 1,527 नए मामले सामने आए, जबकि संक्रमण की दर 27.77 फीसदी रही और होम आइसोलेशन में मरीजों का आंकड़ा दो हजार पार है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण से दो लोगों की मौत भी हुई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, सात महीनों में पहली बार दिल्ली में बुधवार को पहली बार एक दिन में संक्रमितों की संख्या 1,000 को पार कर गई। दिल्ली में संक्रमण की दर 23.8 प्रतिशत रही। राजधानी में बुधवार को कोविड के 1,149 नए मामले आए थे, जबकि संक्रमण से एक व्यक्ति की मौत हुई थी।
India me lockdown kab lagega 2023 me कोरोना संक्रमण ने भारत सहित दुनिया के कई देशों में एक बार फिर दस्तक दी है। बात भारत की करें तो यहां रोजाना हजारों नए मरीज सामने आ रहे हैं।
वहीं, संक्रमितों की मौत का सिलसिला भी शुरू हो गया है। साथ ही एक्सपर्टस ने चेतावनी दी है कि आगामी दो हफ्ते के भीतर कोरोना संक्रमण चरम पर हो सकता है। लेकिन इस बीच एक स्वास्थ्य विश्लेषक फर्म ने जो दावा किया है उसे जानकर आपके होश उड़ जाएंगे।
India me lockdown kab lagega 2023 me दरअसल लंदन की Airfinity Ltd. नामक फर्म का दावा है कि जलवायु परिवर्तन, अंतरराष्ट्रीय यात्राओं में बढ़ोतरी, बढ़ती जनसंख्या और जानवरों से इंसानों में फैलने वाली बीमारियों के चलते महामारी फैलने की आशंका बनी हुई है। हालांकि कंपनी ने ये भी कहा है कि अगर नई संक्रामक बीमारी का पता चलने के बाद 100 दिनों के भीतर ही उसकी वैक्सीन बना ली जाएगी तो महामारी का खतरा कम होकर 8 प्रतिशत तक रह जाएगा।
कंपनी का कहना है कि अगर हालात बिगड़ते हैं और काबू से बाहर हो जाते हैं तो बर्ड फ्लू जैसे वायरस के संक्रमण से अकेले ब्रिटेन में ही हर दिन 15 हजार लोगों की मौत हो सकती है। बीते दो दशकों में दुनिया ने तीन बड़ी महामारी देखी हैं, जिनमें कोरोना महामारी, सार्स, MERS और स्वाइन फ्लू जैसी महामारी शामिल है।
H5N1 बर्ड फ्लू का संक्रमण भी चिंता बढ़ा रहा है। हालांकि अभी इससे संक्रमित लोग की संख्या कम है और इसके इंसानों से इंसानों में फैलने के भी संकेत नहीं मिले हैं। हालांकि पक्षियों और स्तनधारी जीवों में फैलने की दर तेज है, जिससे चिंता बनी हुई है। कई खतरनाक बीमारियों जैसे जीका, मर्स आदि का वैक्सीन भी अभी तक नहीं मिल सकी है। ऐसे में स्वास्थ्य वैज्ञानिकों को तुरंत ऐसे कदम उठाने होंगे, जिससे भविष्य में आने वाली महामारी से निपटा जा सके।