बिहार में 4 जनवरी से नही खुलेंगे सरकारी प्रारम्भिक विद्यालय , कोरोना के नए लहार आने के कारण बिहार सरकार ने लिया फैसला
बिहार सीतामढ़ी। जिला पदाधिकारी अभिलाषा कुमारी शर्मा ने कहा है कि 4 जनवरी से जिले के सभी सरकारी/ निजी विद्यालयों की 9 वीं से 12 वीं तक कक्षाओं समेत महाविद्यालयों के अंतिम वर्ष की कक्षाओं एवं सरकारी प्रशिक्षण संस्थानों को खोलने का सशर्त आदेश दिया गया है। प्रत्येक कक्षा में छात्रों की कुल क्षमता की 50 फीसद उपस्थिति प्रथम दिन रहे तथा शेष 50 फीसद की उपस्थिति दूसरे दिन रहे इसका ख्याल रखना होगा। शिक्षकों को संक्रमण की रोकथाम हेतु प्रशिक्षण शिक्षा विभाग के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिया जाएगा। जिसका अनुश्रवण सिविल सर्जन के द्वारा किया जाएगा। सभी सरकारी विद्यालयों में विद्यार्थियों को दो-दो मास्क का वितरण जीविका के माध्यम से प्रधानाध्यापक द्वारा दिया जाएगा।
विद्यालय /उच्च शिक्षण संस्थान/कोचिग संस्थान एवं उनके छात्रावास को खोलने के पूर्व भी दिशा निर्देश दिया गया। जिले के सभी सरकारी/गैर सरकारी निजी विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों के साथ समाहरणालय परिचर्चा भवन में डीएम ने बैठक में सरकार के दिशा-निर्देश से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि 9वीं कक्षा से नीचे के विद्यालयों को खोलने के लिए बाद में आदेश दिया जाएगा। संस्थान में इन चीजों का इंतजाम अनिवार्य
शिक्षण संस्थान विद्यालय कैंपस एवं सभी भवन की कक्षाओं, फर्नीचर, उपकरण, स्टेशनरी, भंडारकक्ष, पानी टंकी, किचन, वाशरूम, प्रयोगशाला, लाईब्रेरी आदि की सफाई एवं विसंक्रमित कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। हाथों की धुलाई के लिए भी इंतजाम रखना होगा। डिजिटल थर्मोमीटर, सैनिटाइजर, साबुन आदि की व्यवस्था करनी होगी। परिवहन व्यवस्था आरंभ किए जाने के पूर्व सैनिटाइजेशन सुनिश्चित किया जाएगा। क्षणिक संस्थान/ विद्यालय के वर्ग कक्ष/ बाहरी नोटिस बोर्ड /दीवार आदि पर शारीरिक दूरी का पालन करने, मास्क लगाने/ सैनिटाइजेशन/हाथ सफाई/यत्र-तत्र थूक फेंकने के प्रतिबंध के संबंध में मुद्रित पोस्टर का प्रदर्शन भी परिसर में सुनिश्चित करने का सख्त निर्देश दिया गया। शैक्षणिक संस्थान विद्यालय या उसके नजदीक स्थल पर स्वास्थ्य परीक्षण/ नर्स /डॉक्टर /काउंसिलर की उपलब्धता भी सुनिश्चित करना होगा, जो छात्रों की शारीरिक एवं मानसिक स्थिति की जांच हेतु उपलब्ध रहेंगे एवं नियमित स्वास्थ्य की जांच की भी व्यवस्था करेंगे। छात्रों के बैठने के लिए भी अलग से इंतजाम
गाइडलाइन के अनुसार, विद्यार्थियों के बीच कम से कम छह फीट की दूरी के साथ बैठाने की व्यवस्था की जाए। यदि स्कूल व दूसरे संस्थान में एक सीट का बेंच-डेस्क हो तो इसे भी छह फीट की दूरी पर बैठने की व्यवस्था की जाए। बच्चों के प्रवेश और निकास का समय व रास्ते अलग-अलग करना होगा। यानी जितने भी गेट हों उन सबको खुला रखा जाएगा ताकि, बच्चों की भीड़ न लगे। जिन स्कूलों में अधिक बच्चे पढ़ाई करते हों वहां दो सीटिग में क्लास ली जाए। क्लासरूम छोटा पड़ जाए तो कम्प्यूटर रूम, लाईब्रेरी, प्रयोगशला आदि में पढ़ाने की व्यवस्था की जाए। कोई बड़ा इवेंट वगैरह आयोजित करने से बचना होगा। नई कक्षा में नामांकन के लिए संभव हो तो ऑनलाइन व्यवस्था की जाए। छात्र-अभिभावक से स्वास्थ्य संबंधी घोषणापत्र लिया जाए।