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केंद्र सरकार { Central government }द्वारा DA { dearness allowance }महंगाई भत्ता में 4% बढ़ोतरी करने पर DA बढ़कर 21% होने पर बिहार के 450000 {चार लाख 50 हजार }सभी तरह के शिक्षको सहित नियोजित शिक्षक व मदरसा के शिक्षक को सीधे 1000 से 10000 रुपये  तक का लाभ होगा |

न्यूज़ टी वि बिहार के संवाददाता की रिपोर्ट 

नई दिल्ली  :–केंद्र सरकार { Central government }  द्वारा DA { dearness allowance } महंगाई भत्ता में 4% बढ़ोतरी करने पर DA बढ़कर 21% होने पर   बिहार के 450000 {चार लाख 50 हजार }सभी तरह के शिक्षको सहित नियोजित शिक्षकों व मदरसा के शिक्षको को भी लाभ होगा | केन्द्रीय व राज्य कर्मचारियों के साथ ही साथ बिहार के 400000 {चार लाख } नियोजित शिक्षको को भी मिलेगा 21 प्रतिशत DA का लाभ , केन्द्रीय सरकार केंद्र सरकार { Central government } ने मार्च 2020 में 21 प्रतिशत DA { dearness allowance} महंगाई भत्ता के लाभ पर कोरोना वायरस COVID-19 महामारी के कारण रोक लगा दी थी |{ Central government

जिसके केन्द्रीय व राज्य कर्मचारियों सहित बिहार के लाखो नियोजित शिक्षको को 1000से 10000 रुपये तक का नोकसान हुवा हैं ,लेकिन अब केंद्र सरकार ने अपने सभी कर्मचारियों को 21% DA महंगाई भत्ता का लाभ देने की तयारी कर रही हैं जो केन्द्रीय कर्मचारियों व राज्य कर्मचारियों सहित बिहार के लाखो शिक्षको को सीधे 1000 से 10000 रुपये  का लाभ होगा |

21% DA महंगाई भत्ता का लाभ केंद्र सरकार केंद्र सरकार { Central government } अपने कर्मचारियों को कब से देगी अभी इस बात को लेकर संसय बना हुवा हैं , लेकिन इतना तो तय हैं की आने वाले कुछ दिनों में सरकारी कर्मचारियों व बिहार के नियोजित शिक्षको को 1000 से 10000 रुपये के लाभ होने वाला हैं |Central government

स्टेट एडमिनिस्ट्रीटेटिव ट्रिब्यूनल (सैट) ने बुधवार को बंगाल सरकार के महंगाई भत्ता { dearness allowance } (डीए) से जुड़ी समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया। इस याचिका में सैट के उस आदेश पर फिर से विचार करने के लिए कहा गया था जिसमें कहा गया है कि राज्य के कर्मचारी केंद्रीय कर्मचारियों की बराबर डीए पाने के हकदार हैं। पश्चिम बंगाल सरकार ने इसी आदेश के खिलाफ याचिका दायर करते हुए कहा है कि कोरोना संकट की इस विपरीत परिस्थिति में सरकारी खजाने पर प्रभाव पड़ा है लिहाजा इस फैसले पर फिर से विचार किया जाए।

सैट ने राज्य सरकार के याचिका में दिए इस तर्क और अन्य तर्कों पर असहमति जताई और कहा कि याचिका का कोई आधार नहीं है लिहाजा इसे निरस्त किया जाता है।Central government

ममता सरकार अब इस मामले पर कलकत्ता हाई कोर्ट या फिर सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकती है।

मालूम हो कि पश्चिम बंगाल के सरकारी कर्मचारियों और केंद्री कर्मचारियों को मिलने वाले डीए में 21 फीसदी का भारी अंतर है। ट्रिब्यूनल ने स्पष्ट किया कि हाईकोर्ट ने सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता देने संबंधी जो निर्देश दिया है, वह बहाल रहेगा।

इससे पहले, पिछले साल 26 जुलाई को सैट ने एक आदेश जारी किया था जिसमें कहा गया था कि राज्य सरकार के कर्मचारी केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर वेतन पर डीए पाने के हकदार है, और राज्य सरकार को अपने कर्मचारियों के लिए सभी बकाया राशि देने पर विचार करना चाहिए।Central government

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