BPSC ने बिहार में 1.70 लाख शिक्षकों की भर्ती हेतु परीक्षा तिथि की घोषित , कुल 4 दिन लिए जाएंगे परीक्षा , शिक्षक बनने के बिहार सरकार ने उम्र की सीमा को किया समाप्त

बिहार सरकार :–बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने गुरुवार को एक लाख 70 हजार 461 शिक्षकों की भर्ती के लिए परीक्षा की संभावित तिथि जारी कर दी है। कक्षा एक से 12 तक के शिक्षकों की परीक्षा 19, 20, 26 और 27 अगस्त को होगी।

परिणाम नवंबर के अंत तक जारी हो जाएगा। दिसंबर के अंत तक चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सौंप दिया जाएगा। इसी माह बीपीएससी से वैकेंसी जारी हो जाएगी। इसका प्रारूप आयोग ने शिक्षा विभाग को भेजा है, ताकि विज्ञापन में किसी तरह की कमी और गलती नहीं रह जाए। कक्षा एक से 5 तक शिक्षकों का प्रश्न इंटरमीडिएट, कक्षा 9 व 10 के शिक्षक का स्नातक और कक्षा 11 व 12 का प्रश्न स्नातकोत्तर स्तर का होगा। प्राथमिक कक्षा के शिक्षक पद पर आवेदन के लिए अभ्यर्थी को टीईटी या सीटेट होना अनिवार्य होगा, जबकि उच्च और उच्चतर माध्यमिक कक्षा के शिक्षक पद के लिए एसटीईटी उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। उच्च और उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में उन विषयों की ही वैकेंसी जारी होगी, जिसकी 2019 के बाद एसटीईटी हो चुकी है।

बीपीएससी ने सहायक पीटी के उत्तर पर मांगी आपत्ति

बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने 28 अप्रैल 2023 को आयोजित सहायक प्रारंभिक परीक्षा के द्वितीय औपबंधिक उत्तर पर दोबारा आपत्ति मांगी है। इससे पहले 12 मई को पहली बार आयोग सामान्य ज्ञान विषय के सभी प्रश्न पुस्तिका शृंखला की आंसर की जारी की थी। इसमें मिले आपत्ति के बाद अब दूसरी बार औपबंधिक उत्तर गुरुवार को जारी किया गया। इसमें किसी प्रकार की आपत्ति पर आयोग को ईमेल के माध्यम से 28 मई तक भेज सकते हैं। आपत्ति में अभ्यर्थी प्रमाणिक स्रोत, साक्ष्य के साथ अपनी आपत्ति व सुझाव के साथ विज्ञापन संख्या, नाम, रोल नंबर व पता के साथ [email protected] ईमेल करेंगे।

नियमावली के विरोध में शिक्षकों का धरना जारी

माध्यमिक शिक्षक संघ द्वारा अध्यापक नियमावली के विरोध में शिक्षकों का धरना चौथे दिन जारी रहा। अध्यक्षता राजीव रंजन उर्फ अनय सिंह ने की। धरना में बतौर मुख्य अतिथि के रुप में मगध शिक्षक निर्वाचन के एमएलसी प्रत्याशी डा. अभिराम सिंह भी उपस्थित थे। उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि यह लड़ाई सिर्फ शिक्षकों की नहीं है बल्कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था को बचाने के लिए एक आंदोलन है। समाज में शिक्षकों के प्रति फैलाई गई भ्रान्तियां तथ्यहीन हैं। एक से बढ़कर एक प्रतिभावान शिक्षक हैं। इस मौके पर अंबुज शर्मा, मोहम्मद राहतुल्ला, कौशल कुमार, डॉ मनोज कुमार, महेंद्र कुमार निराला, मेनका चौहान,कविता कुमारी सहित कई शिक्षक उपस्थित

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