TEACHERS DAY

 बिहार सरकार ने बिहार के लगभग 4 लाख नियोजित शिक्षकों को शिक्षक दिवस TEACHERS DAY की पूर्व संध्या पर जबर्दस्त झटका दिया , सम्पूर्ण बिहार के 4 लाख नियोजित शिक्षक 5 सितम्बर यानि शिक्षक दिवस को अपमान दिवस के रूप मे मना रहे हैं , सरकार ने भी सरकारी शिक्षक दिवस समारोह पर रोक लगा दी हैं 

 

बिहार पटना :– बिहार सरकार ने बिहार के लगभग 4 लाख नियोजित शिक्षकों को शिक्षक दिवस TEACHERS DAY की पूर्व संध्या पर जबर्दस्त झटका दिया हैं , अभी बिहार के शिक्षक नई नियमावली के विरोध मे अपना प्रदर्शन कर ही रहे हैं ऐसे मे बिहार सरकार का ये फैसला जले पर नमक छिडकने का काम करेगा | दरअसल मामला ये हैं की बिहर के नियोजित शिक्षकों की मौत पर सरकार शिक्षकों के आश्रितों को एक मस्ट 4 लाख रूपया अनुग्रह अनुदान राशी की रूप मे उपलब्ध करा रही थी जिसे नई शिक्षक नियमावली 2020 मे समाप्त कर दिया हैं | बिहार सरकार द्वारा ये तो शिक्षकों पर दोहरी मार की प्रणाली अपने गई  हैं|

अब सवाल ये हैं की बिहर के 4 लाख नियोजित शिक्षक सरकार इस करियल रवैये ओंर उनके तानाशाही फैसले का जवाब बिहार विधान सभा मे किस तरह से देते हैं ये तो वक्त ही बताएगा लेकिन इतना तो सच हैं की बिहर के 4 लाख नियोजित शिक्षक बिहार सरकार के द्वारा जारी की गई नई नियमावली से खुश नहीं हैं ओंर इसमें बदलाव की मांग करने पर डेट हुए हैं |TEACHERS DAY

बिहार सरकार ने सुबह के साढे तीन लाख नियोजित शिक्षकों के लिए सेवा शर्त नियमावली लागू किया है। सरकार की तरफ से बताया जा रहा कि नई सेवा शर्त नियमावली में नियोजित शिक्षकों और पुस्तकालय अध्यक्षों के लिए कई सुविधाएं दी गई हैं। उनकी वेतन बढ़ोतरी से लेकर प्रमोशन,ट्रांसफर और ईपीएफ की सुविधा दी गई है। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में 21 अगस्त 2020 को ही अधिसूचना जारी कर दी है।लेकिन बिहार के शिक्षक नई सेवा सेवा शर्त नियमावली से खुश नहीं हैं।

TEACHERS DAYनई अधिसूचना में बिहार के नियोजित शिक्षकों की नियुक्ति, प्रोन्नति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवा शर्त नियमावली 2020 के तहत कई तरह की नई व्यवस्था लागू की गई है।

इसमें अब ईपीएफ योजना से आच्छादित करने का निर्णय हुआ है। मासिक वेतन ₹15000 प्रतिमाह की राशि पर राज्य सरकार द्वारा अंशदान की राशि दी जाएगी। बिहार सरकार 15000 प्रति माह के वेतन की राशि पर 13 फ़ीसदी अंशदान करेगी।

नई सेवा शर्त नियमावली में शिक्षकों को कई तरह का नुकसान भी उठाना पड़ेगा। इस वजह से शिक्षक नई सेवा शर्त नियमावली का विरोध कर रहे हैं। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि अबतक शिक्षक, पुस्तकालय अध्यक्ष की सेवाकाल में मृत्यु के बाद उनके निकट आश्रित को अनुग्रह अनुदान की राशि देने का प्रावधान है। इसलिए सेवाकाल में मृत्यु होने के बाद उनके निकट आश्रित को ₹400000 अनुग्रह राशि दिया जाता था।

लेकिन अब इपीएफ एक्ट 1952 से आच्छादित होने वाले शिक्षक, पुस्तकालय अध्यक्ष को इससे अलग करने का निर्णय लिया गया है। यानी कि सेवा काल में शिक्षकों की मृत्यु पर अब आश्रित को 4 लाख रु से वंचित होना पड़ेगा। उक्त निर्णय पर बिहार कैबिनेट ने 18 अगस्त 2020 की बैठक में स्वीकृति दी थी।

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