शिक्षकों के लिए बड़ी खबर, हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला, 3 साल का अनुभव आवश्यक, मिलेगा पदोन्नति का लाभ, यह होंगे नियम - NewstvBihar

शिक्षकों के लिए बड़ी खबर, हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला, 3 साल का अनुभव आवश्यक, मिलेगा पदोन्नति का लाभ, यह होंगे नियम

शिक्षकों के लिए बड़ी खबर, हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला, 3 साल का अनुभव आवश्यक, मिलेगा पदोन्नति का लाभ, यह होंगे नियम

शिक्षकों के लिए बड़ी खबर, हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला, 3 साल का अनुभव आवश्यक, मिलेगा पदोन्नति का लाभ, यह होंगे नियम

शिक्षकों की तरफ से जारी याचिका में कहा गया था कि पंचायत शिक्षक को संविलियन कर एलबी कर का गठन किया गया था लेकिन एलबी कैडर में शिक्षकों की वरिष्ठता निर्धारण का कोई प्रावधान नहीं तय किया गया। जिसके कारण वरिष्ठता के निर्धारण में दिक्कत हो रही है। नियम से सीनियर शिक्षक, जूनियर और जूनियर शिक्षक सीनियर हो गए हैं। ऐसे मामलों के तर्क को खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने केस को निराकृत किया और राज्य शासन के पक्ष में फैसला सुनाया है।

Teachers Promotion : कर्मचारी शिक्षकों के लिए बड़ी खबर है। दरअसल हाईकोर्ट ने दायर याचिका पर फैसला देते हुए हेड मास्टरों के प्रमोशन को लेकर सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है। वहीं शासन के पक्ष में आदेश जारी किया गया है। ऐसे में अब शासन के नियम के तहत शिक्षकों के प्रमोशन किए जाएंगे। इतना ही नहीं शिक्षकों के लिए भी यह राहत वाली खबर हो सकती है। टीचरों के प्रमोशन का रास्ता भी साफ हो गया है। शासन के पक्ष में आदेश जारी करने के बाद अब जल्द ही शिक्षकों के पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू होगी।

हाईकोर्ट ने सभी याचिकाओं को किया खारिज
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रूप कुमार गोस्वामी और पीपी साहू की डिवीजन बेंच ने टीचर और हेड मास्टर के प्रमोशन को लेकर दायर याचिका को खारिज कर दिया। वहीं प्राचार्य के पद पर पदोन्नति के लिए रेगुलर और एल्बी दोनों ही संवर्ग को मौका दिया जाएगा। छत्तीसगढ़ी स्कूल शिक्षा सेवा भर्ती और पदोन्नति नियम 2019 तैयार किया गया। इस नियम के लागू होने से पहले शिक्षकों के प्रमोशन के लिए 5 साल का अनुभव अनिवार्य होता था। वही नए नियम के तहत इसे खत्म कर 3 साल कर दिया गया। अब नए नियम को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में टीचर की तरफ से याचिका दायर की गई थी। जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सभी याचिकाओं को खारिज किया है।

इससे पूर्व हाईकोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। जिस पर प्रकरण की सुनवाई लंबित है। कुछ माह पहले हाई कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला आदेश के लिए सुरक्षित रखा था। जिसे आज ख़ारिज किया गया है। अपनी सुनवाई में याचिकाकर्ता शिक्षकों के वकील ने हाईकोर्ट को बताया कि 5 साल का अनुभव रखने वाले सहायक शिक्षक, प्रधान पाठक, प्राथमिक शाला और शिक्षक के पद पर पदोन्नति के लिए पात्र माने जाते थे। वहीं विभिन्न विसंगति के आधार पर उनकी संवैधानिक को चुनौती दी गई थी। जिसके जवाब में शासन की तरफ से कहा गया है कि शिक्षक के अलग अलग कैडर का ध्यान रखते हुए नियम तय किए गए हैं। वहीं शासन को इसका अधिकार है। ऐसे में डिविजन बेंच द्वारा पदोन्नति नियम के लिए शासन के प्रावधान को सही मान्य किया गया है।

याचिकाकर्ता शिक्षकों की तरफ से यह तर्क दिया गया था कि प्राचार्य के पद पर पदोन्नति के लिए अलग-अलग कोटा तय किया गया है। एलबी संवर्ग और रेगुलर टीचर के लिए भी कोटा तय किया गया है। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि एलबी संवर्ग में अगर पदोन्नति के लिए पात्र नहीं होंगे तो उनकी जगह रेगुलर टीचर को प्राचार्य बनाया जाएगा। इस पर हाईकोर्ट ने दोनों सोमवार को ही प्राचार्य के पद पर पदोन्नति के लिए मौका देने का आदेश दिया है।

पदोन्नति की प्रक्रिया का रास्ता साफ

इससे पहले राज्य शासन के नए नियम को चुनौती देने की वजह से प्रदेश भर के शिक्षकों की पदोन्नति रुक गई थी। वही प्रारंभिक सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में पदोन्नति प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। अब हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद एक बार फिर से शिक्षकों के पदोन्नति की प्रक्रिया का रास्ता साफ हो गया है।

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