स्वयं शिक्षा सेवक को सरकार ने दी एक और जिम्मेदारी , पूरे  बिहार में लागू होगा , कोई बच्चा पीछे नहीं , माता भी छूटे नही , इस कार्यक्रम से बच्चों को होगा किया किया लाभ जानने व समझने के लिए खबर को अंत तक पढ़े

बिहार पटना। :–सरकार द्वारा संचालित महादलित, दलित एवं अल्पसंख्यक व अति पिछड़ा वर्ग अक्षर आंचल योजना के तहत राज्य के 9 जिले में ‘कोई बच्चा पीछे नहीं, माता भी छूटे नहीं’ कार्यक्रम को अब पूरे बिहार में लागू किया जाएगा।

मंगलवार को शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने शेष बचे 29 जिलों में भी इस कार्यक्रम को चलाने के लिए संस्था ‘प्रथम’ के साथ करार करने का निर्देश जनशिक्षा निदेशालय को दिया।

फिलहाल नालंदा, वैशाली, अरवल, जहानाबाद, कटिहार, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया एवं सुपौल जिले यह कार्यक्रम चल रहा है। मंगलवार को शिक्षा मंत्री ने प्रथम और जनशिक्षा के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में ‘कोई बच्चा पीछे नहीं, माता भी छूटे नहीं’ की समीक्षा की। पाया गया कि इस संस्था के सहयोग से उक्त नौ जिलों में कार्यरत शिक्षा सेवक एवं शिक्षा सेवक (तालीमी मरकज) की कार्यशैली में परिवर्तन आया है एवं लक्षित वर्ग के बच्चों एवं उनकी माताओं की शिक्षा एवं साक्षरता में सुधार हुआ है।

कार्यक्रम के सकारात्मक परिणाम को देखते हिए शिक्षा मंत्री ने शेष बचे 29 जिलों में भी इस कार्यक्रम को चलाने का निर्देश दिया। इस कार्यक्रम के संचालन में विभाग पर कोई वित्तीय बोझ नहीं पड़ता है क्योंकि प्रथम संस्था इसके लिए स्वैच्छिक सहयोग कर रही है। समीक्षा के दौरान शिक्षा मंत्री ने उम्मीद जतायी कि कार्यक्रम से महादलित, दलित एवं अल्पसंख्यक अति पिछड़ा वर्ग के बच्चों एवं उनकी माताओं की शिक्षा तथा साक्षरता में महत्वपूर्ण प्रगति होगी।

समीक्षा बैठक में प्रथम की ओर से संजय कुमार, मो. नैयर आलम, सरोज कमार झा तथा जन शिक्षा निदेशालय की ओर से सहायक निदेशक रमेश चन्द्र व परामर्शी प्रीति परिहार मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि महादलित, दलित एवं अल्पसंख्यक व अति पिछड़ा वर्ग के बच्चों व उनके माताओं में शिक्षा की मजबूती के लिए ‘कोई बच्चा पीछे नहीं, माता भी छूटे नहीं’ कार्यक्रम चलाने को अप्रैल 2018 में शिक्षा विभाग के जनशिक्षा निदेशालय ने संस्था प्रथम के साथ करार किया था।

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