बिहार में कोरोना की तीसरी लहर आ चुकी हैं : नीतीश कुमार  मुख्यमंत्री बिहार , मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कभी भी बिहार में सख्ती का कर सकते हैं एलान , हो सकता है बिहार शैक्षणिक संस्थान बन्द , मुख्यमंत्री ने और किया किया कहा जानने के लिए पूरी खबर पढें

बिहार पटना। :–नीतीश कुमार मंगलवार को आईएमए के 96वें राष्ट्रीय अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान कोरोना की पहली और दूसरी लहर से लड़ने में डॉक्टरों के योगदान को सराहनीय बताया.

बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार  को अब एहसास हो चुका है कि बिहार में भी कोरोना की तीसरी लहर पहुँच चुकी है । मुख्यमंत्री ने सावर्जनिक तौर पर बिहार वासियों से आग्रह किया है कि आप सभी लोग सतर्क रहें थोड़ा सा भी कोरोना का लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें।

बिहार में कोरोना की तीसरी लहर की चपेट में बच्चे अधिक संख्या में आने लगे हैं । कल भी 24 बच्चों में कोरोना की संक्रमण पाई गई हैं , सरकार काफी चिंतित दिख रही है ।

हालात में सुधार नही होने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इशारों इशारों में कहा कि अगर जरूरी पड़ी तो राज्य के सभी स्कूलों और कॉलेजों को बंद कर दिया जाएगा ।

बिहार में लगातार    कोरोनावायरस के केस बढ़ रहे हैं. मंगलवार को जारी स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट को देखें तो बिहार में कोरोनावायरस के 47 केस मिले हैं. चार दिनों की रिपोर्ट देखने पर यह पता चलता है कि बिहार में एक्टिव केसों की संख्या दोगुनी हो गई है. इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी यह कह दिया है कि बिहार में कोरोना की तीसरी लहर आ चुकी है. नीतीश कुमार मंगलवार को आईएमए के 96वें राष्ट्रीय अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे.

इस दौरान नीतीश कुमार ने कहा- “कोरोना की पहली और दूसरी लहर से लड़ने में डॉक्टरों का योगदान सराहनीय रहा. कोरोना से मुक्ति दिलाने में जो डॉक्टर की भूमिका है, इसके लिए आपका अभिनंदन करता हूं. कोरोना के दौरान प्रधानमंत्री ने डॉक्टर्स के साथ बैठक की थी और राज्य में हम लोगों ने भी कुछ डॉक्टरों के साथ बैठक की थी. आप लोगों ने कोरोना काल में जो काम किया वह सराहनीय है. कोरोना की पहली और दूसरी लहर में आप लोगों ने सराहनीय कार्य किया है. आप लोगों ने वैक्सीनेशन पर रिसर्च करके सराहनीय कार्य किया है. अब तो कोरोना के तीसरी लहर को लेकर सभी जगहों पर तैयारियां की जा रही है.”

नीतीश कुमार ने की अपील

संबोधन के दौरान नीतीश कुमार ने कहा कि- “आप चिकित्सकों से आग्रह है कि लोगों को इलाज के दौरान उन्हें शराब पीने के दुष्परिणाम के बारे में बताएं, उन्हें शुद्ध पेयजल का उपयोग करने और खुले में शौच नहीं करने के बारे में बताएं. आप लोगों की बातों का असर होगा. आप सब लोगों की सेवा कर रहे हैं, हम लोग भी आपकी मदद करते हैं और आगे भी जितना संभव होगा मदद करेंगे. समाज को आगे बढ़ाइए और बेहतर बनाइए. आप सभी को चरण स्पर्श करता हूं. आपको बधाई देता हूं.”

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