सैलरी अकाउंट वाले सरकारी कर्मचारियों सहित बिहार के पोने चार लाख नियोजित शिक्षकों को SBI 2 माह का एडवांस सैलरी 24 घण्टा शिक्षकों के खाता में ट्रांसफर करेगी , इसके साथ और भी कई तरह की बैंक आपको देगी सुविधाएं , इसके लिए आपको शिर्फ़ SBI शाखा प्रबंधक से ये बात कहनी है और ये फॉर्म भरकर देनी है , 2 माह की सैलरी कैसे मिकेगी एडवांस जानने के लिए पूरी खबर पढें
बिहार के लगभग पौने चार लाख नियोजित शिक्षकों का खाता देश की सबसे बड़ी बैंक SBI में हैं । लगभग नियोजित शिक्षकों ने अपना खाता सैलरी एकाउंट में ट्रांसफर करा चुके हैं । सैलरी अकाउंट के कई फायदे हैं जो बैंक की तरफ से सरकारी कर्मचारियों को दिए जाते हैं. प्राइवेट से लेकर सरकारी बैंक तक सरकारी कर्मचारियों को कई तरह के फायदे देते हैं. इसी श्रेणी में देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक स्टेट बैंक (SBI) भी शामिल है.
नियोजित शिक्षकों को बिहार सरकार द्वारा ससमय वेतन नही दिया जाता है जिसके कारण नियोजित शिक्षकों को आए दिन काफी परेशानी उठानी पड़ती है । इसी बीच SBI ने सैलरी अकाउंट वाले सभी सरकारी कर्मचारियों सहित बिहार के नियोजित शिक्षकों को भी कई तरह के लाभ देने की बात कही है ।
अब बिहार के नियोजित शिक्षक वेतन नही मिलने के कारण अपनी जरूरतों को ससमय पूरा करने के लिए SBI बैंक से 2 माह की सैलरी एडवांस में ले सकते हैं ।
2 माह की सैलरी एडवांस लेने के लिए नियोजित शिक्षकों को अपने SBI बैंक के शाखा प्रबंधक से बात कर एक फॉर्म भर कर देनी होगी । 24 घण्टा में नियोजित शिक्षकों के सैलरी अकाउंट में 2 माह का एडवांस बैंक ट्रांसफर कर देगी ।
स्टेट बैंक हो या कोई और, सबमें कर्मचारियों की सैलरी के हिसाब से कैटगरी तय होती है. जितनी सैलरी उसी के हिसाब से कैटगरी और फिर उसी के मुताबिक अकाउंट पर मिलने वाले फायदे. एसबीआई का खाता सरकारी कर्मचारियों के लिए चलता है. अगर किसी की सैलरी 5,000 से 20,000 रुपये के बीच है तो उसका खाता सिल्वर कैटगरी में आती है.
अगर किसी की तनख्वाह 20,000 रुपये से 50,000 रुपये के बीच है तो वह गोल्ड कैटगरी में आता है. इसी अगली श्रेणी डायमंड है जिसमें कर्मचारी की तनख्वाह 50,000 से 1 लाख रुपये होती है. अंतिम श्रेणी में कर्मचारी की तनख्वाह 1 लाख रुपये से ज्यादा होती है तो उसे प्लेटिनम कैटगरी में रखते हैं.
रिइंबर्समेंट के लिए अलग खाता
कर्मचारियों को सैलरी के साथ-साथ रिइंबर्समेंट भी मिलता है. लेकिन सैलरी अकाउंट में रिइंबर्समेंट नहीं आता बल्कि उसके लिए अलग से खाता खोलना पड़ता है. हालांकि इसे खुलवाना आसान है और यह जीरो बैलेंस की सुविधा पर खुल जाता है. रिइंबर्समेंट अकाउंट पर कोई मेंटीनेंस चार्ज नहीं लगता. एसबीआई के सैलरी अकाउंट में मिलने वाला डेबिट कार्ड रिइंबर्समेंट अकाउंट के साथ लिंक कर दिया जाता है.
फ्री में मिलती हैं इतनी सुविधाएं
सुविधाओं की बात करें तो अगर आपका एसबीआई में सैलरी अकाउंट है तो उसमें मिनिमम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं है. दूसरी सुविधा फ्री अनलिमिटेड ट्रांजेक्शन की है. किसी भी दूसरे बैंक के एटीएम से जितनी बार चाहें पैसे निकाल सकते हैं. इसके लिए लिमिट पार होने वाली कोई बात नहीं है. इस पर अलग से कोई शुल्क भी नहीं चुकाना होता है. बाकी बैंकों में तीन ट्रांजेक्शन फ्री होता है, लेकिन जैसे ही चौथा ट्रांजेक्शन करते हैं, अलग से 20-22 रुपये तक चुकाना पड़ता है. एसबीआई सैलरी अकाउंट में जो भी डेबिट या क्रेडिट कार्ड मिलता है, उसका कोई एनुअल चार्ज नहीं होता. इसमें जॉइंट अकाउंट भी खुलता है और उस पर दूसरे सहयोगी के लिए एटीएम कार्ड जारी किया जाता है.
दो महीने की एडवांस सैलरी
सैलरी अकाउंट पर फ्री इंटरनेट बैंकिंग, फ्री मल्टीसिटी चेक और लॉकर चार्ज पर 35 फीसद की छूट मिलती है. यानी कि एसबीआई के लॉकर का चार्ज हर साल 10 हजार रुपये है तो आपको मात्र 6500 रुपये ही चुकाने होंगे. फ्री ड्राफ्ट, एसएमएस अलर्ट और ऑनलाइन एनईएफटी या आरटीजीएस की सुविधा फ्री मिलती है. एसबीआई के सैलरी अकाउंट से कोई ड्राफ्ट बनवाते हैं तो आपको अलग से कोई चार्ज नहीं देना होगा जबकि बाकी खाते पर 10 हजार के ड्राफ्ट पर 25 रुपये देना होता है. सबसे बड़ी सुविधा यह है कि एसबीआई के सैलरी अकाउंट पर 2 महीने की तनख्वाह एडवांस में ले सकते हैं. इस पैसे को बाद में चुका सकते हैं. अगर समय पर इसे चुका देते हैं तो कोई ब्याज नहीं लगेगा.