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विद्यालय निरीक्षण के दौरान DDC के पूछने पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने बिहार के मुख्यमंत्री लालू यादव और उपमुख्यमंत्री शुशील कुमार मोदी बताया , , HM का जवाब सुनते ही DDC साहेब का पारा सातवे आसमान पर चढ़ा , HM पर कारवाई करने के तुरंत दिया आदेश
विद्यालय निरीक्षण के दौरान DDC के पूछने पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने बिहार के मुख्यमंत्री लालू यादव और उपमुख्यमंत्री शुशील कुमार मोदी बताया , , HM का जवाब सुनते ही DDC साहेब का पारा सातवे आसमान पर चढ़ा , HM पर कारवाई करने के तुरंत दिया आदेश
बिहार पटना :–विद्यालय निरीक्षण के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री कौन हैं। शायद यह हर कोई बता देगा। क्योंकि जो इस पद पर हैं वह आज से नहीं बल्कि 2005 से बिहार को संभाल रहे हैं। लेकिन इतनी सी बात स्कूल के शिक्षक वह भी हेडमास्टर नहीं बता पाएं तो अचरज होना स्वभाविक है।
पर, इतनी सी बात बिहार के एक स्कूल के हेडमास्टर नहीं बता पाए। हद तो यह कि उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (RJD Supremo Lalu Prasad Yadav) को मुख्यमंत्री तो भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी (BJP RS MP Sushil Modi) को उपमुख्यमंत्री बताया। बक्सर में अतरौना पंचायत के नोनियाडेरा गांव में निरीक्षण को पहुंचे उप विकास आयुक्त (DDC) के सामने हेडमास्टर ने न केवल सूबे की सरकार बदल दी, बल्कि इसमें आरजेडी व बीजेपी का गठबंधन भी करा दिया।
जिले के डीएम का नाम नहीं बता सके प्रधानाध्यापक
मामला बक्सर जिले का है। बुधवार को अतरौना पंचायत के नोनियाडेरा गांव में पंचायत के निरीक्षण के दौरान प्राथमिक विद्यालय में डीडीसी डा. महेंद्र पाल पहुंचे। एक शिक्षक से पूछा कि हेडमास्टर कौन हैं। सामने आए पगड़ीधारी व्यक्ति ने कहा, मैं ही हूं यहां का हेडमास्टर श्रीराम चौधरी। पहले तो डीडीसी उनकी वेशभूषा देखकर चौंक गए, फिर उन्होंने जिलाधिकारी का नाम पूछा। हेडमास्टर महोदय इधर-उधर देखने लगे।
लालू को सीएम, सुशील मोदी को डिप्टी सीएम बताया
हद तो तब हो गई जब डीडीसी से उनसे मुख्यमंत्री का नाम पूछा। हेडमास्टर महोदय ने पूरे आत्मवियवास से कहा- लालू प्रसाद यादव। एक कदम आगे बढ़कर उन्होंने उपमुख्यमंत्री का नाम भी बता डाला। कहा- उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी। हेडमास्टर के इस जवाब पर बच्चों की भी हंसी छूटने लगी। डीडीसी ने फिर जवाब देने का मौका दिया, लेकिन वे अपनी बात पर अड़े रहे।
डीडीसी ने पूछा- नौकरी से इस्तीफा क्यों नहीं देते?
उनके जवाब से हैरान डीडीसी ने कहा, आप नौकरी से रिजाइन क्यों नहीं दे देते? जब आपको डीएम, सीएम और डिप्टी सीएम का नाम तक नहीं पता तो आप पढ़ाने के लायक नहीं है। बच्चों के भविष्य का ख्याल रखते हुए आपको नौकरी से इस्तीफा दे देना चाहिए। उनका भविष्य खराब मत कीजिए। डीडीसी ने बताया कि शिक्षा विभाग इसकी जानकारी देते हुए कार्रवाई के लिए लिखा गया है।
ऐसे में कैसे सुधरेगी बिहार की शिक्षा व्यवस्था?
बता दें कि बिहार सरकार सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए एड़ी-चोटी का जोड़ लगा रही है। कुछ जगहों को छोड़ दें तो अधिकांश जगहों पर पठन-पाठन भगवान भरोसे ही है। कई बार शिक्षकों का सामान्य ज्ञान ही सवालों के घेरे में आ जाता है। ऐसे में प्रश्न यह है कि जब शिक्षकों का यह हाल है तो छात्रों का क्या होगा? क्या ऐसे शिक्षकों के पढ़ाए छात्र वर्तमान दौर की कठिन प्रतिस्पर्धा में टिक पाएंगे?
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