अप्रशिक्षित शिक्षकों को हटाने का आदेश असंवैधानिक – प्रदेश वरीय उपाध्यक्ष*_

_अप्रशिक्षित शिक्षकों को हटाने का आदेश असंवैधानिक – प्रदेश वरीय उपाध्यक्ष*_

_*हाईकोर्ट के डबल बेंच में विचाराधीन है अप्रशिक्षित शिक्षकों का मामला*_

_*जरूरत पड़ी तो अप्रशिक्षित शिक्षकों को न्याय दिलाने संघ सुप्रीम कोर्ट तक जायेगी – प्रशांत कुमार, (जिलाध्यक्ष सह प्रदेश वरीय उपाध्यक्ष)*_

_बिहार पंचायत-नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश वरीय उपाध्यक्ष सह जिलाध्यक्ष प्रशांत कुमार के नेतृत्व में जिला के दर्जनों अप्रशिक्षित शिक्षकों ने रविवार को स्थानीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय रहिका टोल दक्षिण में बैठक आयोजित कर एकजुटता का परिचय दिया और हाईकोर्ट के डबल बेंच में पूरी मजबूती के साथ केस लड़ने का निर्णय लिया। जिलाध्यक्ष ने बताया कि सीडब्ल्यूजेसी 16214/19 अताउर रहमान व बिहार सरकार के केस को आधार बनाकर सभी अप्रशिक्षित शिक्षकों को सेवा से हटाने का विभागीय आदेश असंवैधानिक है। प्रदेश वरीय उपाध्यक्ष ने बताया कि हाईकोर्ट के प्रथम बैंच के जजमेंट में अप्रशिक्षित शिक्षकों को A से H कैटेगरी में बांटा गया है। कैटेगरी B और F जो डीएलएड प्रशिक्षण से जुड़ा है जिसको दूबारा परीक्षा का मौका नहीं मिला था और उनका रिजल्ट प्रकाशन तिथि 31 मार्च 2019 है और वह अनुत्तीर्ण रह गए वैसे अनुत्तीर्ण अप्रशिक्षित शिक्षकों का पूरक परीक्षा के आयोजन के लिए कोर्ट के स्पष्ट निर्देश के बाद भी पूरक परीक्षा का शिड्यूल जारी ना कर सभी कोटि के अप्रशिक्षित शिक्षकों को हटाने का विभागीय आदेश दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जब मामला हाईकोर्ट के डबल बेंच में है तो विभाग को भी न्याय निर्णय आने का इंतजार करना चाहिए।_

_प्रदेश वरीय उपाध्यक्ष ने कहा कि सीडब्ल्यूजेसी 16214/19 एवं अन्य समान वादों में पारित आदेश के पाराग्राफ संख्या 20 में माननीय न्यायालय का यह स्पष्ट निर्देश है कि बिहार सरकार यह निर्णय लेगी कि पूरक परीक्षा पास करने के बाद वैसे शिक्षकों को पूरक प्रशैक्षणिक परीक्षा पास करने की तिथि से नवनियुक्त मानते हुए उन्हें सेवा में बरकरार रखेगी अथवा उन्हें नई नियुक्ति का मौका देगी परंतु आज तक पूरक परीक्षा का आयोजन नहीं किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है इस संबंध में एससीईआरटी, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति एवं शिक्षा विभाग तीनों एक दूसरे पर जिम्मेवारी फेंक रहे हैं और इसका खामियाजा बिहार के हजारों शिक्षकों और उनके परिवार के सदस्यों को भुगतना पड़ रहा है। प्रदेश वरीय उपाध्यक्ष ने कहा कि कोर्ट के आदेश के इतर विभाग नया फरमान जारी कर अप्रशिक्षित शिक्षकों को हटाने का आदेश देकर अपमानित करने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय में अपील वाद की सुनवाई होने व न्याय निर्णय आने तक सभी अप्रशिक्षित शिक्षक सेवा में बने रहेंगे। किसी को घबराने की जरूरत नहीं है जरुरत पड़ी तो संघ सुप्रीम कोर्ट तक जायेगी। आज की बैठक में दर्जनों अप्रशिक्षित शिक्षकों के अलावे BPNPSS जिला महासचिव आशिकुर्रहमान, जिला कोषाध्यक्ष मगफूर आलम, जिला उपाध्यक्ष शम्स रेजा, मो0 इस्माईल, मो0 कमरुजम्मा आदि उपस्थित थे।_

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